भारत के लिए CWG 2022 में पदकों की गिनती क्या होती अगर ग्लासगो 2026 से खेल हटाए नहीं गए होते

भारत के लिए CWG 2022 में पदकों की गिनती क्या होती अगर ग्लासगो 2026 से खेल हटाए नहीं गए होते

जब हम 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स की बात करते हैं, तो यह देखना महत्वपूर्ण है कि भारत ने कितने पदक जीते। लेकिन अगर ग्लासगो 2026 से कुछ खेलों को हटाया नहीं गया होता, तो क्या भारत की पदक गिनती में बदलाव होता? ग्लासगो 2026 में जिन खेलों को हटाया गया है,

उनके प्रभाव को समझने के लिए हमें यह देखना होगा कि 2022 में भारत ने उन खेलों में कितने पदक जीते। उदाहरण के लिए, अगर भारत ने उन खेलों में अधिकतम प्रदर्शन किया होता, तो उसके पदकों की संख्या बढ़ सकती थी। यह एक दिलचस्प विचार है क्यो

कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) ने हाल ही में ग्लासगो में 2026 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए कार्यक्रम से कई प्रमुख खेलों को हटाने का फैसला किया है। यह जानकर कई लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्रिकेट, हॉकी, कुश्ती, स्क्वाश, बैडमिंटन, टेबल टेनिस और पैरा टेबल टेनिस जैसे खेल आगामी संस्करण से हटा दिए गए हैं। 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम में 19 खेलों के साथ हुए थे, लेकिन ग्लासगो में 2026 के संस्करण में यह संख्या घटकर केवल 10 रह जाएगी।

इस बदलाव के कारण कई खेलों के प्रशंसकों और खिलाड़ियों में चिंता और निराशा है, क्योंकि ये खेल भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण थे। कई खिलाड़ी इन खेलों में पदक जीतने की उम्मीद कर रहे थे। यह भी स्पष्ट है कि इन खेलों के हटने से भारत की पदक गणना पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय खिलाड़ियों के लिए नई चुनौतियाँ क्या होंगी और वे अन्य खेलों में किस तरह से प्रदर्शन करेंगे।

ग्लासगो 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में होने वाले खेलों की सूची में बदलाव से पता चलता है कि खेलों का चयन किस तरह से किया जाता है और यह विभिन्न देशों के खिलाड़ियों पर कैसे प्रभाव डालता है। इस समय, खिलाड़ियों को अपनी तैयारी में बदलाव करना होगा और नए अवसरों की तलाश करनी होगी।

कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) के अनुसार, खेलों की संख्या को कम करने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि गेम्स को “बजट-अनुकूल” बनाया जा सके।

CGF के एक बयान में कहा गया, “खेलों में 10 खेल शामिल होंगे – यह एक संतुलन साधने का प्रयास है ताकि इवेंट में एक मल्टी-स्पोर्ट माहौल बना रहे और साथ ही वित्तीय और परिचालन जोखिमों का प्रबंधन किया जा सके।”

अब यह सोचने की बात है कि अगर ये खेल 2022 के इंग्लैंड में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं होते, तो भारत कितने पदक जीतता। आइए देखते हैं:

भारत ने 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया, जहां वह चौथे स्थान पर रहा। भारत ने कुल 61 पदक जीते, जिसमें 22 स्वर्ण पदक, 16 रजत पदक और 23 कांस्य पदक शामिल थे। भारत ने इस प्रतियोगिता में 210 खिलाड़ियों (106 पुरुष और 104 महिलाएं) को 16 खेलों में भाग लेने के लिए भेजा था।

अगर 2026 के कॉमनवेल्थ गेम्स से हटाए गए खेलों को 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स से भी हटा दिया जाता, तो भारत बर्मिंघम में केवल 31 पदक ही जीत पाता। 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के कुल 30 पदक उन खेलों से आए थे, जिन्हें 2026 के कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया है। इनमें से अधिकतर पदक कुश्ती से आए थे (कुल 12 पदक, 6 स्वर्ण, 1 रजत, 5 कांस्य)। इसके अलावा टेबल टेनिस से 7 पदक (4 स्वर्ण, 1 रजत, 2 कांस्य), बैडमिंटन से 6 पदक (3 स्वर्ण, 1 रजत, 2 कांस्य), हॉकी से 2 पदक

एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन और जूडो जैसे खेल 2026 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल किए गए हैं। 2022 में, भारत ने इन खेलों में कुल 28 पदक जीते थे, जिनमें से 10 पदक भारोत्तोलन से आए थे। भारतीय एथलीटों ने एथलेटिक्स में 8 पदक जीते, जबकि मुक्केबाजों ने कुल 7 पदक जीते, और जूडो में 3 पदक हासिल किए। यह दिखाता है कि 2026 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय दल के पदक जीतने की उम्मीदें अब भी बाकी हैं, लेकिन कुश्ती, बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे खेलों की अनुपस्थिति

 

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