टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में एयरबस स्पेन के सहयोग से बनाया गया है।
सोमवार को वडोदरा (गुजरात) में टाटा-एयरबस सी295 विमान संयंत्र सुविधा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष पेड्रो सांचेज ने किया। तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए स्पेनिश प्रधानमंत्री आज ही वडोदरा पहुंचे थे।
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) भारत की अत्यधिक महत्वाकांक्षी रक्षा परियोजनाओं में से एक है, जिसे टीएएसएल परिसर में एयरबस स्पेन के सहयोग से बनाया गया है।
यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो आईआईटी दिल्ली के डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन प्रोग्राम से अपना करियर आगे बढ़ाना चाहते हैं।
सी-295 कार्यक्रम के तहत कुल 56 विमान हैं, और इनमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा उपलब्ध कराए जाने हैं; बाकी 40 का निर्माण भारत में किया जाना है।
परियोजना के पहले मसौदे को फरवरी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मंजूरी दी थी, जिसमें 15 और सी-295 विमान शामिल करने का प्रस्ताव था, जिनमें से नौ नौसेना को और शीर्ष छह तटरक्षक बल को दिए जाएंगे।
नई सुविधा भारत की रक्षा क्षमताओं को कैसे बढ़ावा दे सकती है
गुरुवार को पीएम मोदी और स्पेन के पीएम ने वडोदरा शहर में स्पेन की नई विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देगा। इस परियोजना में विनिर्माण से लेकर असेंबली, परीक्षण और योग्यता, विमान की डिलीवरी और रखरखाव तक पूरे जीवन चक्र के दौरान संपूर्ण विमान पारिस्थितिकी तंत्र का विकास शामिल है।
भारतीय वायुसेना के HS-748 एवरो बेड़े को C-295 विमानों से बदल दिया जाएगा और यह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा सैन्य विमान निर्माण का पहला उदाहरण है, जो रक्षा पीएसयू हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के आभासी एकाधिकार को तोड़ता है।
टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड रक्षा क्षेत्र की उन सार्वजनिक कंपनियों में शामिल हैं, जिनसे भारत में सैन्य विमान उत्पादन पर आधारित एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की उम्मीद है, जो भारत सरकार को रक्षा विनिर्माण केंद्र बनने के उसके प्रयासों में मदद करेगा।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा टाटा-एयरबस C-295 विमान निर्माण संयंत्र का उद्घाटन न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह परियोजना भारत की निजी कंपनियों और वैश्विक रक्षा उद्योग के सहयोग से विकसित हो रही है, जिससे घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
इस संयंत्र के जरिए भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो HS-748 विमानों को नए C-295 विमानों से बदला जाएगा, जिससे देश की सैन्य क्षमता में सुधार होगा। इस पहल के साथ, भारत अब एक रक्षा निर्माण केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है और वैश्विक रक्षा उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
साथ ही, टाटा और एयरबस के सहयोग से बनी यह परियोजना स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी और देश में अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देगी। इस प्रकार, यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के लक्ष्यों की दिशा में एक मजबूत योगदान है।
FAQ
Q. टाटा-एयरबस C-295 परियोजना क्या है?
A. यह टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस स्पेन के बीच भारत में सैन्य विमान निर्माण के लिए एक रक्षा सहयोग है।
Q. यह परियोजना भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
A. यह पहली बार है जब भारत के निजी क्षेत्र में सैन्य विमान निर्माण हो रहा है, जो आत्मनिर्भरता और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगा।
Q. कुल कितने विमान बनाए जाएंगे?
A. 56 विमान, जिनमें से 16 स्पेन में और 40 भारत में बनाए जाएंगे।
Q. इस परियोजना की पूर्णता की समय सीमा क्या है?
A. इस परियोजना की समय सीमा कई वर्षों में पूरी होगी, जिसमें विमान की लगातार आपूर्ति और समर्थन शामिल होगा।