OPS Latest News: OPS पहली पर आया अपडेट! कर्मचारियों के लिए आ गयी बड़ी खुसखबरी!

OPS Latest News: सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। इस मुद्दे पर लगातार बहस चल रही है और अब कर्मचारियों को एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हाल ही में, कर्मचारियों ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपकर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग दोहराई है। कर्मचारियों का कहना है कि वे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की बजाय पुरानी पेंशन योजना को चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा मिलती है।

WhatsApp Channel Join Now

पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है, जिसमें कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं देना पड़ता। ऐसे में सरकार की ओर से इस पर जल्द कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अगर आप भी इस योजना से जुड़ी खबरों का इंतजार कर रहे हैं, तो पूरा आर्टिकल जरूर पढ़ें क्योंकि इसमें हम आपको इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां देने वाले हैं।

पुरानी पेंशन योजना को लेकर बढ़ी हलचल

OPS को फिर से लागू करने को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कई राजनीतिक दल इसे चुनावी मुद्दा बना रहे हैं, जबकि कुछ दल इसके समर्थन में खुलकर सामने आ रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि NPS में उन्हें अपनी सैलरी का एक हिस्सा देना पड़ता है, जो उनके लिए आर्थिक बोझ के समान है। इसके विपरीत, पुरानी पेंशन योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित होती है और कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन राशि मिलती रहती है, जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलती है।

पुरानी पेंशन योजना बनाम नेशनल पेंशन सिस्टम

OPS और NPS के बीच कई बड़े अंतर हैं, जिनकी वजह से कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। NPS के तहत कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 10% योगदान देना पड़ता है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में ऐसा कोई योगदान नहीं देना होता। इसके अलावा, OPS के तहत मिलने वाली पेंशन में महंगाई भत्ते (DA) के आधार पर समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहती है, जिससे कर्मचारियों की पेंशन राशि बढ़ती रहती है। वहीं, अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पूरी पेंशन राशि दी जाती है, जबकि NPS में ऐसा नहीं होता।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान

हाल ही में सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है, जिसे OPS और NPS के बीच एक संतुलित विकल्प बताया जा रहा है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को अपने वेतन का 10% योगदान देना होगा, जबकि सरकार इसमें 18.5% योगदान देगी। इसके अलावा, इस स्कीम के तहत पेंशन की राशि कर्मचारी की अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी के आधार पर तय की जाएगी। हालांकि, UPS के ऐलान के बावजूद, कई कर्मचारी संगठन अब भी OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि UPS में कर्मचारियों को अपना योगदान देना पड़ेगा, जबकि OPS में यह पूरी तरह से सरकारी खर्च पर आधारित है।

क्या सरकार OPS को फिर से लागू करेगी?

पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। कई राज्यों में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है, जिससे केंद्र सरकार पर भी इसे बहाल करने का दबाव बना हुआ है। सरकार ने अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन UPS की घोषणा यह दिखाती है कि सरकार कर्मचारियों को कुछ राहत देने के मूड में जरूर है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में सरकार इस पर क्या बड़ा कदम उठाती है।

FAQ for OPS Latest News

पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या है?

OPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता है, जिसमें उन्हें कोई योगदान नहीं देना पड़ता।

कर्मचारी NPS की जगह OPS क्यों चाहते हैं?

NPS में कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 10% योगदान देना पड़ता है, जबकि OPS में सरकार पूरी पेंशन देती है और यह आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित होती है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?

UPS सरकार द्वारा प्रस्तावित एक नई योजना है, जिसमें कर्मचारी को 10% और सरकार को 18.5% योगदान देना होगा, और पेंशन अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी के आधार पर तय होगी।

क्या केंद्र सरकार OPS को फिर से लागू करेगी?

अभी केंद्र सरकार ने कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया है, लेकिन UPS की घोषणा के बावजूद कर्मचारियों की ओर से OPS बहाल करने की मांग लगातार बढ़ रही है।

किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू हो चुकी है?

राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब जैसे कुछ राज्यों में OPS को दोबारा लागू किया जा चुका है।

Leave a Comment