खालिस्तानी पन्नू ने अमित शाह के लिए पुरस्कार की घोषणा पर सीआरपीएफ स्कूलों को फिर धमकी दी।

हाल ही में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपंतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर से धमकी भरा बयान जारी किया है, जिसमें उसने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को निशाना बनाया है। पन्नू ने इस बार CRPF से जुड़े स्कूलों को बंद करने का आह्वान किया है। इसके साथ ही उसने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की विदेश यात्रा से जुड़ी जानकारी देने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की है। पन्नू का दावा है कि अमित शाह, जो कि CRPF के प्रमुख भी हैं, खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं।

गुरपंतवंत सिंह पन्नू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक स्कूल में धमाका हुआ, जिसकी जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली है। पन्नू ने धमकी भरे शब्दों में कहा कि जो कोई भी अमित शाह की विदेश यात्रा के बारे में खुफिया जानकारी देगा, उसे इनाम मिलेगा। उसने CRPF पर सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी भूमिका है, और इसी वजह से उसने CRPF से जुड़े स्कूलों को बंद करने की अपील की है।

गौरतलब है कि CRPF भारत की केंद्रीय सुरक्षा बलों में से एक है और देश की आंतरिक सुरक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पन्नू द्वारा CRPF को निशाना बनाने का मुख्य कारण निज्जर की हत्या से जुड़ा है, जिसे पन्नू खालिस्तानी आंदोलन का समर्थक मानता है। खालिस्तान समर्थक संगठनों की ओर से इस तरह की धमकियां पहले भी आती रही हैं, लेकिन इस बार पन्नू ने सीधे केंद्रीय गृहमंत्री को टारगेट कर माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।

Khalistani Leader Pannu Threatens Schools Amidst Amit Shah's Award Event

दिल्ली के रोहिणी में हुए हालिया धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी बढ़ा दी है। खालिस्तान समर्थक गुटों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर देश की सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही सतर्क हैं। इस तरह के बयानों और धमकियों से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा किया जा रहा है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके।

पन्नू की इस धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां और भी सतर्क हो गई हैं, खासकर गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा को लेकर।

इनाम देने का किया ऐलान

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपंतवंत सिंह पन्नू ने अपने हालिया बयान में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पन्नू ने कहा कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए लोगों को काम पर लगाने और न्यूयॉर्क में उसकी हत्या की साजिश रचने के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं। पन्नू ने दावा किया कि शाह ने निज्जर की हत्या के लिए सीधा आदेश दिया था, और इस घटना के पीछे की पूरी साजिश उन्हीं की थी।

इस बयान के साथ ही पन्नू ने एक मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया है, जो उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जो अमित शाह की विदेश यात्रा की खुफिया जानकारी देगा। यह इनाम की घोषणा खालिस्तान समर्थक संगठनों की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाए जा रहे प्रोपगैंडा का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करना है।

पन्नू की इस धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, खासकर अमित शाह की सुरक्षा को लेकर। पन्नू के इन आरोपों को सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने गंभीरता से लिया है और इस मामले में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।

CRPFस्कूलों का किया बहिष्कार

गुरपंतवंत सिंह पन्नू ने अपने ताजा बयान में न केवल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को निशाना बनाया, बल्कि CRPF से जुड़े स्कूलों को लेकर भी आक्रामक अपील की है। पन्नू ने छात्रों और उनके माता-पिता से CRPF स्कूलों का बहिष्कार करने की मांग की है। उसने CRPF पर 1984 के सिख दंगों और अमृतसर के गोल्डन टेम्पल पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है।

पन्नू का कहना है कि CRPF ने सिख समुदाय के खिलाफ अत्याचार किए हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख 1984 का ऑपरेशन ब्लू स्टार है, जिसमें भारतीय सेना ने अमृतसर के गोल्डन टेम्पल में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस घटना को लेकर सिख समुदाय में लंबे समय से नाराजगी रही है, और पन्नू इसी नाराजगी को भड़काने का प्रयास कर रहा है।

पन्नू ने CRPF पर 1984 के सिख दंगों की जिम्मेदारी भी मढ़ी, जिसमें सैकड़ों सिखों की हत्या कर दी गई थी। उसने अपने बयान में CRPF को इन हमलों का मुख्य दोषी बताते हुए कहा कि इस बल से जुड़े संस्थानों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। पन्नू ने सिख समुदाय को उकसाने की कोशिश की और CRPF के खिलाफ भावनाएं भड़काने का प्रयास किया, ताकि लोगों के मन में इस बल के प्रति घृणा उत्पन्न हो सके।

इस तरह के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि पन्नू खालिस्तान समर्थक एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए भावनात्मक और आक्रामक प्रचार कर रहा है। उसने न केवल सरकारी संस्थानों पर आरोप लगाए हैं, बल्कि सिख समुदाय को भड़काकर भारत की सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डालने की कोशिश की है।

पन्नू की इन अपीलों और धमकियों के बाद सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं और CRPF से जुड़े संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ऐसी स्थिति में, इस तरह के भड़काऊ बयानों से निपटने के लिए और कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

पन्नू पहले भी दे चुका है धमकी

Khalistani Leader Pannu Threatens Schools Amidst Amit Shah's Award Event

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपंतवंत सिंह पन्नू ने अपने ताजा बयान में रॉ के पूर्व अधिकारी विकास यादव और पंजाब के शीर्ष पुलिस अधिकारी रहे केपीएल गिल पर भी निशाना साधा है। उसने इन दोनों अधिकारियों को 1984 के सिख दंगों और पंजाब में सिखों पर किए गए कथित अत्याचारों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पन्नू का कहना है कि इन अधिकारियों ने सिख समुदाय के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से हिंसात्मक कार्रवाइयां कीं, और इस तरह के बयानों के माध्यम से वह सिख समुदाय को और अधिक भड़काने का प्रयास कर रहा है।

पन्नू ने अपने बयान में पंजाब और विदेशों में सिखों की हत्याओं का भी उल्लेख किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह भारत के सुरक्षा तंत्र के प्रति लोगों में नकारात्मक भावनाएं भरने की कोशिश कर रहा है। उसने लोगों से अपील की है कि वे एयर इंडिया के विमानों में यात्रा न करें, क्योंकि वह इन्हें सरकारी प्रतिष्ठान का हिस्सा मानता है और सिख समुदाय को सरकारी संस्थानों के खिलाफ खड़ा करना चाहता है। इससे पहले भी पन्नू ने ऐसी धमकियां दी थीं और भारत सरकार व इसके प्रतिष्ठानों के खिलाफ साजिशें रची हैं।

पिछले कुछ समय से पन्नू खालिस्तानी एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के भड़काऊ बयानों और धमकियों का सहारा ले रहा है। उसका मकसद भारतीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को बदनाम करना है, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रति विरोध का माहौल बनाया जा सके। सुरक्षा एजेंसियां पन्नू के इन बयानों को गंभीरता से ले रही हैं और संभावित खतरों को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रही हैं।

पन्नू द्वारा की जा रही यह गतिविधियां न केवल भारत के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, बल्कि सिख समुदाय के भीतर भी भ्रम और तनाव की स्थिति उत्पन्न कर रही हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस तरह के भड़काऊ प्रचार का सामना करने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं, ताकि देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखा जा सके।

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