वॉकिंग निमोनिया:
वॉकिंग निमोनिया एक हल्का, लेकिन फेफड़ों से जुड़ा संक्रमण है जो माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे “वॉकिंग” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इससे प्रभावित व्यक्ति आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में नहीं होता और दैनिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है। हालाँकि, संक्रमण का इलाज न करने पर यह अधिक गंभीर हो सकता है। अन्य बैक्टीरिया और वायरस भी इसे पैदा कर सकते हैं।
लक्षण और संकेत:
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वॉकिंग निमोनिया के लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे दिख सकते हैं। ये लक्षण हल्के होते हैं लेकिन लंबे समय तक बने रहते हैं।
आम लक्षण:
- हल्का बुखार: 101°F (38.5°C) तक।
- लंबे समय तक खांसी: जो हफ़्तों या महीनों तक बनी रह सकती है।
- थकान: बार-बार कमजोरी महसूस करना।
- सांस संबंधी समस्याएं: सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, या तेज़ सांसें।
- सिरदर्द और गले में खराश।
- सीने और पेट में दर्द।
कम दिखने वाले लक्षण:
- कान में दर्द।
- भूख की कमी (बच्चों में)।
- उल्टी और मतली।
- चकत्ते या त्वचा में जलन।
- जोड़ों में दर्द।
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कैसे फैलता है?
यह संक्रमण खांसी, छींक, और सांस के माध्यम से फैलने वाली बूंदों से फैलता है। बच्चे स्कूलों या भीड़भाड़ वाली जगहों पर इससे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
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उपचार और रोकथाम:
उपचार:
- एंटीबायोटिक्स (डॉक्टर की सलाह पर) संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं।
- पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन महत्वपूर्ण हैं।
- यदि सांस लेने में समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
रोकथाम:
- नियमित रूप से हाथ धोना।
- खांसने और छींकने पर मुंह ढंकना।
- भीड़भाड़ से बचना, खासकर सर्दियों में।
क्या करें अगर लक्षण बने रहें?
- यदि बच्चे को 7-10 दिनों से अधिक समय तक खांसी, बुखार, या सांस संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
- उपचार शुरू होने के बाद कुछ दिनों तक घर पर आराम करें।